The Greatest Guide To sidh kunjika
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देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति अष्टमोऽध्यायः
धिजाग्रं धिजाग्रं त्रोटय त्रोटय दीप्तं कुरु कुरु स्वाहा।।
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति पंचमोऽध्यायः
अभक्ते नैव दातव्यं गोपितं रक्ष पार्वति।।
मारणं मोहनं वश्यं स्तम्भनोच्चाटनादिकम् ।
क्लींकारी काल-रूपिण्यै, बीजरूपे नमोऽस्तु ते।।
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अति गुह्यतरं देवि देवानामपि दुर्लभम् ॥ ३ ॥
यस्तु कुंजिकया देविहीनां सप्तशतीं पठेत्।
शृणु देवि प्रवक्ष्यामि कुंजिकास्तोत्रमुत्तमम्।
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति नवमोऽध्यायः
चाय वाले को बनाया पिता और टेस्ट ड्राइव के बहाने उड़ाई बाइक, आगरा में शातिर चोर का गजब कारनामा बॉलीवुड
इसके लिए read more मां दुर्गा के समक्ष घी का दीपक जलाएं. इसे देवी की तस्वीर के दाईं तरफ रखें.
न तस्य जायते सिद्धिररण्ये रोदनं यथा।। । इतिश्रीरुद्रयामले गौरीतंत्रे शिवपार्वती संवादे कुंजिकास्तोत्रं संपूर्णम् ।